Saturday, December 22, 2018

आपके लिये ऊपर वाले(भगवान) का प्यारा सा संदेश:-- R❤R

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आपके लिये ऊपर वाले(भगवान) का प्यारा सा संदेश:--
मैं ऊपरवाला बोल रहा हूँ, तुम्हारे फ्लोर के ऊपरवाला नहीं, जिसने ये पूरी दुनिया बनाई वो ऊपरवाला. तंग आ चूका हूँ मैं तुम लोगों से, घर का ध्यान तुम न रखो और चोरी हो जाये तो, "उपरवाले तूने क्या किया". गाड़ी तुम तेज़ चलाओ और धक्का लग जाये तो, "उपरवाले........". पढाई तुम न करो और फेल हो जाओ तो, "उपरवाले.........".
ऐसा लगता है इस दुनिया में होने वाले हर गलत काम का जिम्मेदार मैं हूँ.
आजकल तुम लोगो ने एक नया फैशन बना लिया है, जो काम तुम लोग नहीं कर सकते, उसे करने में मुझे भी असमर्थ बता देते हो! ऊपरवाला भी भ्रष्टाचार नहीं मिटा सकता, ऊपरवाला भी महंगाई नहीं रोक सकता, .......ये सब क्या है?
भ्रष्टाचार किसने बनाया? मैंने?
किससे रिश्वत लेते देखा है तुमने मुझे?
मैं तो #हवा#पानी#धुप, आदि सबके लिए बराबर देता हूँ, कभी देखा है कि ठण्ड के दिनों में अम्बानी के घर के ऊपर मैं तेज़ धुप दे रहा हूँ, या गर्मी में सिर्फ उसके घर बारिश हो रही है. उल्टा तुम मेरे पास आते हो रिश्वत की पेशकश लेकर, कभी लड्डू, कभी पड़े, कभी चादर. और हा, आइन्दा से मुझे लड्डू की पेशकश की तो तुम्हारी खैर नहीं, मेरे नाम पे पूरा डब्बा खरीदते हो, एक टुकड़ा मुझपर फेंक कर बाकि खुद ही खा जाते हो.
ये #महंगाई किसने बनाई? मैंने?
मैंने सिर्फ ज़मीन बनाई, उसे "प्लाट" बनाकर बेचा किसने?
मैंने पानी बनाया, उसे बोतलों में भरकर बेचा किसने? मैंने जानवर बनाये, उन्हें मवेशी कहकर बेचा किसने?
मैंने पेड़ बनाये, उन्हें लकड़ी कहकर बेचा किसने?
मैंने आज तक तुम्हे कोई वस्तु बेचीं? किसी वस्तु का पैसा लिया?
मैंने न #भ्रष्टाचार बनाया, न महंगाई और , हाँ तुम को जरूर मैंने बनाया है, इसलिए भ्रष्टाचार, महंगाई तुम्हारी बुराइयां हैं, तुम समझो.
हाँ मेरे सब्र का इम्तहान मत लो, वरना जिस दिन मेरे सब्र का बांध टूटा, ये दुनिया ही खत्म कर दूंगा, तुम्हारे साथ तुम्हारी बुराइयां भी खत्म हो जाएँगी.
मुझे पता है, मेरी बातों पर ध्यान देने के बजाय, तुम अभी तक ये सोच रहे हो कि मैं "ईश्वर" बोल रहा हूँ या "अल्लाह". सही कहा न? सोचते रहो. मैं जानता हूँ मैं जिस दिन ये दुनिया खत्म करूँगा, उस दिन भी तुम लोग यही कहोगे, "उपरवाले, तूने क्या किया"
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दोस्तों इस पोस्ट मकसद सिर्फ ये हैं कि हर चीज के लिए भगवान को दोषी ना ठहराएं, बुराईया सब में होती है, अपने अंदर की बुराईयों को दूर करने का प्रयास कीजिये। अच्छी संगत रहिये और अच्छा बनिए...
-: सुप्रभात दोस्तों

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